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Latest News USA: डोनाल्ड ट्रंप की सरकार का वो चेहरा, जिसने कंपनियां बेचकर कमाई दौलत, अब संभालेगा ये बड़ी जिम्मेदारी

Latest News USA: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक और शानदार वापसी की है. क्या आप जानते हैं कि उनकी नई सरकार में एक चेहरा ऐसा भी होगा, जो एक के बाद एक कंपनियां बेचकर दौलतमंद बन गया. पढ़ें उनके बारे में...

 

Latest News USA: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप अपनी नई सरकार बनाने जा रहे हैं और इस सरकार में एक ऐसा चेहरा बहुत अहम भूमिका में नजर आएगा, जिसने कई कंपनियों को बेचकर अरबों डॉलर की दौलत बनाई है. ये शख्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ट्रंप सरकार में बहुत बड़ी जिम्मेदारी संभालेगा.

यहां बात हो रही है 39 साल के विवेक रामास्वामी की, जिनकी सबसे बड़ी पहचान खुद की दम पर अरबपति बनने की है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के दौरान उन्होंने ‘पूंजीवाद की ताकत’ की खुलकर मुखाफलत की. 

अब वह ट्रंप सरकार में बनने जा रहे एक नए विभाग ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ (DOGE) को एलन मस्क के साथ मिलकर चलाएंगे. क्या आप जानते हैं कि विवेक रामास्वामी की इस अपार दौलत को इकट्ठा करने में उनका एक के बाद एक कई कंपनियां बेचना भी है.

विवेक रामास्वामी ने ऐसे लिखी सफलता की कहानी

विवेक रामास्वामी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और येल लॉ स्कूल से पढ़े हैं. वह अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी को ‘एक्सीलेंस कैपिटलिज्म’ नाम देते हैं. उनका मानना है कि कैपटलिज्म की मदद से अमेरिका को फिर से एक सूत्र में बांधा जा सकता है.

विवेक रामास्वामी

उनकी सफलता में सबसे बड़ा हाथ उनकी बायोटेक कंपनी रोइवेंट साइंसेस का है. इसके अलावा उन्होंने टेक्नोलॉजी, क्रिप्टोकरेंसी और एसेट मैनेजमेंट जैसे सेगमेंट में समय से निवेश करके इनसे खूब कमाई की है. वह फोर्ब्स की कई अलग-अलग अमीर लोगों की सूची में जगह बना चुके हैं.

कंपनियां बेचकर दौलत कमाने का इतिहास

विवेक रामास्वामी ने 2014 में बायोटेक कंपनी रोइवेंट साइंसेस शुरू की थी. शुरुआत में इस कंपनी ने उन दवाओं को विकसित करने और उनके राइट्स खरीदने पर फोकस किया जिनकी अनदेखी कर दी गई थी. 

उन्होंने इन दवाओं को कमर्शियलाइज्ड करने का काम किया. इसके बाद 2016 में उन्होंने रोइवेंट साइंसेस की एक सब्सिडियरी मायोवेंट साइंसेस लॉन्च की. ये कंपनी उस साल का सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आई.

रोइवेंट साइंसेस ने विवेक रामास्वामी की वेल्थ को बढ़ाने में जबरदस्त भूमिका निभाई. साल 2020 में जापान की एक कंपनी सुमिटोमो डैनिप्पॉन ने रोइवेंट की 5 दवाओं के पोर्टफोलियो को खरीद लिया. 

वहीं 3 अरब डॉलर में उनकी कंपनी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी भी खरीद ली. इससे विवेक रामास्वामी को 17.6 करोड़ डॉलर का कैपिटल गेन मिला.

साल 2021 तक आते-आते रोइवेंट का वैल्यूएशन 7.3 अरब डॉलर हो गया. उस समय विवेक रामास्वामी के 7 प्रतिशत स्टेक की वैल्यू 51.1 करोड़ डॉलर थी. 

इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग सेगमेंट की कई कंपनियों में इंवेस्ट किया. उनके पोर्टफोलियो में स्टॉक्स, बॉन्ड्स, उभरती टेक्नोलॉजी की कंपनियों में निवेश और बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शामिल है.

ट्रंप सरकार में करेंगे ये बड़ा काम

ट्रंप सरकार में जो डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी बनाया जा रहा है. ये कई तरह से सरकार के लिए बचत मंत्रालय का काम करेगा. ये सरकारी खर्चों में कटौती लाएगा, देश में बेमतलब के रेग्युलेशंस को कम करने का काम करेगा. 

साथ ही अमेरिका की ब्यूरोक्रेसी में सुधार लाने का काम भी ये विभाग करेगा. ये डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार के दौरान प्रचारित किए गए ‘सेव अमेरिका अभियान’ का नेतृत्व करेगा.